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Friday, May 7, 2010

प्राइस टैग!

अच्छा लगता है,
टूट कर,
बिखर जाना,
बशर्ते,
कोई तो हो
जो,


सहम कर,
हर टुकडा
उठा कर
दामन में रख ले.
कीमती समझ कर!


पर,




अकसर देखा है,
घरों में,
कीमती और नाज़ुक
चीज़ों पे
प्राइस टैग नहीं होते.!


और लोग खामोश गुजर जाते हैं,
चीजों के किरच -किरच हो कर बिखर जाने पर भी!