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Saturday, February 27, 2010

दर्द की मिकदार!एक बार फ़िर से!



मौला, ना कर मेरी हर मुराद तू पूरी,
जहाँ से दर्द की मिक़दार क़म हो,ये करना होगा.

मसीहा कौन है ,और कौन यहाँ रह्बर है,
हर इंसान को इस राह पे, अकेले ही चलना होगा.

तेज़ हवाएँ भी हैं सर्द ,और अंधेरा भी घना,
शमा चाहे के नही उसे हर हाल में जलना होगा.

होली के मौके पर खास !
रंग चेहरे पे कई तुमने सजा कर देखे,
नूर लाने के लिये,रंग रूह का बदलना होगा.



3 comments:

  1. होली की रंगभरी शुभकामनाएँ स्वीकार करें!

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  2. आपको और आपके परिवार को होली पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!

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  3. behatreen kyal hai janab ka.

    plastic surgery industry band kara denge kya.

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